हनुमान जी (Hanuman Ji) की फोटो, वीडियो, चालीसा, पूजा विधि सभी कुछ. हनुमान जी (Hanuman Ji) की इमेज डाउनलोड। कौन हैं हनुमान जी Hanuman Ji ? हनुमान जी की बारे मैं कई रोचक जानकारियाँ। All in one guide about Lord Hanuman Ji containing Hanuman Chalisa, Sunder Kand, Aarti, Bahuk, Images and Videos with Hariharan’s Hanuman Chalisa.
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हनुमान जी के बारे मैं रोचक बातें - All about - "Hanuman Ji"
- सभी जानते हैं की हनुमान जी (Hanuman Ji) का अवतार भगवान राम की सहायता के लिये हुआ।
- हनुमान जी (Hanuman Ji)को बजरंगबली भी कहा जाता है क्योंकि इनका शरीर एक वज्र की तरह था।
- अगर ज्योतिषीयों की मानें तो हनुमान जी (Hanuman Ji) का जन्म आज से करीब 58 हजार 112 वर्ष पहले हुआ था। लोकमान्यता की माने तो त्रेतायुग के अंतिम चरण में चैत्र पूर्णिमा को – मंगलवार के दिन- चित्रा नक्षत्र एवं मेष लग्न के योग में प्रातः 6.03 बजे झारखंड राज्य के गुमला जिले के आंजन नाम पहाड़ी गाँव में हुआ था।
- मान्यताओं के अनुसार एक बार हनुमान जी ने सीता मैया को सिन्दूर लगते हुए देखा तो पूछा के वे सिन्दूर क्यों लगा रही हैं। सीता मैया ने कहा सिन्दूर वह अपने सुहाग श्री राम की ख़ुशी और उन्हें प्रसन्न करने के लिए लगाती हैं। हनुमान जी (Hanuman Ji) ने सोचा के अगर सिन्दूर से भगवान् खुश होते हैं तो क्यों न वे अपने पूरे शरीर में सिन्दूर लगा लें। उन्होंने अपना समस्त शरीर सिन्दूर से रंग लिया और अपनी भावना से श्री राम का दिल जीत लिया। इसी लिए श्री हनुमानजी को सिन्दूर चढ़ाया जाता है।
- हनुमानजी कुछ विचारों के अनुसार शिवजी के ११वें रुद्रावतार, एवं सबसे बलवान और बुद्धिमान माने जाते हैं।
- प्रभु हनुमान जी को कलयुग में सिद्ध बताया गया है ।
- अन्य नाम जैसे – आंजनेय और मारुति, मारुत-नंदन” (हवा का बेटा) भी हैं।
- रामायण के अनुसार हनुमान जी जानकी के अत्यधिक प्रिय हैं।
- इस धरा पर जिन सात लोगों को अमरत्व का वरदान प्राप्त है, उनमें बजरंगबली हनुमानजी भी हैं।
- हिन्दू धर्म की मान्यताओं अनुसार एक दिन हनुमान जी की माता फल लाने के लिये इन्हें किसी आश्रम में छोड़कर चली गईं। जब शिशु हनुमान जी को भूख लगी तो वे उगते हुये सूर्य को फल समझकर उसे खाने के लिए आकाश में उड़ने लगे। उधर भगवान सूर्य ने उन्हें अबोध शिशु समझकर अपने तेज रक्षा प्रदान की । उसी समय राहु भी सूर्य पर ग्रहण लगाना चाहता था। हनुमानजी ने सूर्य के ऊपरी भाग में जब राहु का स्पर्श किया तो वह वहाँ से भाग गया। राहु ने इन्द्र के पास जाकर शिकायत की। राहु की बात सुनकर इन्द्र उसे साथ लेकर सूर्य की ओर चल पड़े। राहु को देखकर हनुमानजी सूर्य को छोड़ राहु पर झपटे, फिर राहु ने इन्द्र को रक्षा के लिये पुकारा- इंद्रा ने हनुमान जी पर वज्रा से प्रहार किया। वे एक पर्वत पर गिरे और उनकी बायीं ठुड्डी टूट गई। हनुमान जी की यह दशा देख वायुदेव को अति क्रोध आया एवं उन्होंने उसी क्षण अपनी गति रोक दी जिस कारन संसार की कोई भी प्राणी साँस न ले पाया और तड़पने लगे। तब सारे सुर, असुर, यक्ष, किन्नर आदि ब्रह्मा जी की शरण में गये। ब्रह्मा उन सबको लेकर वायुदेव के पास गये। वे मूर्छत हनुमान को गोद में लिये उदास बैठे थे। जब ब्रह्माजी ने उन्हें जीवित किया तो वायुदेव ने अपनी गति का संचार करके सभी प्राणियों की पीड़ा दूर की। फिर ब्रह्माजी ने कहा कि कोई भी शस्त्र इसके अंग को हानि नहीं कर सकता। इन्द्र ने कहा कि इसका शरीर वज्र से भी कठोर होगा। सूर्यदेव ने कहा कि वे उसे अपने तेज का शतांश प्रदान करेंगे तथा शास्त्र मर्मज्ञ होने का भी आशीर्वाद दिया। वरुण ने कहा मेरे पाश और जल से यह बालक सदा सुरक्षित रहेगा। यमदेव ने अवध्य और नीरोग रहने का आशीर्वाद दिया। यक्षराज कुबेर, विश्वकर्मा आदि देवों ने भी अमोघ वरदान दिये। रेफ
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हनुमान जी वीडियो - Video of Hanuman Ji
हनुमान जी इमेजेज एंड फोटो - Hanuman Ji Images and Photo
हनुमान जी की पूजा करते वक़्त इन बातों का रखे ख्याल -
भगवान् हनुमान जी (Hanuman Ji) की आराधना सरल है। हनुमान जी अपने भक्तों में सिर्फ श्रद्धा देखते हैं। वे बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। हनुमानजी की आराधना से सिर्फ ग्रहों का दोष ही शांत नहीं होता, बल्कि हनुमान जी और सूर्यदेव परस्पर मैत्री अति प्रबल होने के कारण भक्तों में सूर्य तत्व अर्थात आत्मविश्वास तेजस्विता आदि रहते हैं।
हालाँकि कुछ बातें फिर भी ध्यान देनी चाहियें –
- हनुमान जी की (Hanuman Ji) साधना करते समय में ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य है।
- मंगलवार को सुंदरकांड का पाठ एवं चोला चढाने से सभी कष्ट दूर होते हैं।
- प्रभु हनुमान जी को पुष्पों में लाल, पीले बड़े फूल अर्पित करें – जैसे – कमल, गेंदे इत्यादि।
- ज्ञात हो की बजरंगबली हनुमान जी की पूजा में शुद्धता तथा पवित्रता अनिवार्य है।
- बजरंग बलि हनुमान को शुद्ध घी का प्रशाद अति प्रिय हैं तथा वही उन्हें अर्पित करें ।
- हनुमान जी को चमेली या तिल के तेल में सिंदूर मिलाकर मंगलवार को लेपन करना चाहिए।
- हनुमान जी (Hanuman Ji)को केसर के साथ लाल चंदन घिस के तिलक के रूप में लगाना चाहिए।
- (Hanuman Ji) हनुमान जी की मूर्ति के समक्ष उनके नेत्रों की ओर देखते हुए मंत्रों के जप करें।
- हनुमानजी की पूजा में आप दो प्रकार की मालाओं का प्रयोग कीजिये जैसे की सात्विक कार्य से संबंधित साधना में रुद्राक्ष माला तथा तामसी एवं पराक्रमी कार्यों के लिए मूंगे की माला का प्रयोग।
हनुमान जी के मनपसंद प्रशाद -
(Hanuman Ji) हनुमान जी की अड़े प्रिय वस्तुएं ही उन्हें भेंट करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है के हनुमान जी को अगर श्रद्धा पूर्वक निम्न दी गयी वस्तुएं मंगलवार या शनिवार को अर्पित की जाएँ तो वह निश्चित ही प्रसन्न होते हैं –
- पान
- गुड़ चना
- इमरती
- मीठा रोट या रोटी
- केसर भात
- आम, अमरूद, केला आदि फलों का प्रसाद अर्पित करें।
इसके आलावा हनुमान जी को पूजा में जनेऊ एवं चोला भी चढ़ाया जाता है.
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